मैं होमबलि की वेदी पर प्रगट हुए सत्य के बारे में बात करना चाहता हूँ। जब इस्राएल के लोग परमेश्वर की व्यवस्था और आज्ञा की ६१३ धाराए जो उन्हें अपने हरदिन के जीवन में पालन करना था उसमे से किसी भी एक को तोड़ते थे, और जब उन्हें अपने पापों का एहसास होता था, तब वे परमेश्वर के द्वारा तय की गई बलिदान की पध्धति के मुताबिक़ निर्दोष बलि अर्पण करते थे। जिस जगह पर वे इस बलिदान को अर्पण करते थे वह ह्प्मबलि थी। दुसरे शब्दों में, इस्राएल के लोग निर्दोष बलि के सिर पर अपने हाथ रखकर, उसके गले को काटकर उसका लहू बहाकर, उस लहू को होमबलि की वेदी के शिंगो पर छिड़ककर और बचे हुए लहू को भूमि पर बहा कर, और वेदी पर बलिदान के मांस को जलाकर अपने पापों की माफ़ी पाते थे।
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